organic ghol: सब्जी और बागवानी में अधिक उत्पादन के लिए करें इस घोल को यूज़, महंगे से महंगे कीटनाशको को कर देगा फेल, ऐसे करें घर पर तैयार
organic ghol: सब्जी और बागवानी में अधिक उत्पादन के लिए करें इस घोल को यूज़, महंगे से महंगे कीटनाशको को कर देगा फेल, ऐसे करें घर पर तैयार
किसान अपनी फसलों से अधिक उत्पादन के लिए बेहतर से बेहतर कीटनाशक का छिड़काव कर फसल का अधिक उत्पादन लेना चाहते हैं बाजार से आप हजारों रुपए में महंगा फर्टिलाइजर, महंगे टॉनिक महंगे, हाई पावर परचेज करते हैं लेकिन रिजल्ट आपको इतना अच्छा देखने को नहीं मिलता है तो आप को इस लेख में ऑर्गेनिक कीटनाशक को तैयार करने की विधि बताई जा रही है जिसे आसान तरीके से घर पर ही घर की चीजों से ऑर्गेनिक तरीके से हाई पावर आप तैयार कर सकते हैं इसमें अमीनो एसिड फोलिक एसिड ओर बहुत सारे न्यूट्रिशन वैल्यूज में होती जैसे कि ऑर्गेनिक, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश कैल्शियम मैग्नीशियम, जिंक कॉपर आयरन इस तरीके से फसल में सभी प्रकार के पोषक तत्वों की पूर्ति करके और जीरो बजट में आप बहुत अच्छे पैदावार ले सकते हैं उसके साथ ही अपनी मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं पौधों को फायदा पहुंचा सकते हैं
ऑर्गेनिक हाई पावर कीटनाशक को कैसे तैयार करें
सबसे पहले दोस्तों जो भी ऑर्गेनिक तरीके से आप इस घोल को तैयार कर रहे हैं इसे आप टॉनिक, फर्टिलाइजर या कीटनाशक भी कह सकते हैं। अगर आप इसे तैयार करते हैं तो सबसे पहले क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल होते हैं इको फ्रेंडली होते है तो इनका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है जीरो साइड इफेक्ट होता है और हजारों उनके फायदे देखने को मिलते हैं। साथ ही भारी बचत भी हो जाती है बहुत ज्यादा महंगे फर्टिलाइजर के खर्चे से भी आप बच सकते हैं आज के इस हाई पावर को आप सभी प्रकार की फसलों में इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे की मिर्ची, टमाटर, प्याज, लौकी, तोरी, करेला, भिंडी, तरबूज साथ ही बागवानी में सभी प्रकार के पौधों में अनाज वर्ग के फसलों में भी
कैसे करे तैयार
सभी प्रकार की फसलों में आप इसका इस्तेमाल कीजिए और किसी भी तरीके में, आप इस्तेमाल कर सकते हैं सावधानी और तरीका आपको ध्यान रखना जरूरी है इसलिए इस हाई पावर कीटनाशक को बनाने के लिए सबसे पहले लेना है 50 लीटर का टैंक, इसमें सबसे पहले गाय या भैंस के उपले डालने है जितने पुराने मिल जाए एक साल पुराना मिल जाए, 6 महीने पुराना मिल जाए जितने भी पुराने मिल जाए इस उपले यूज़ करना है, कितनी मात्रा लेनी है- 5 लीटर पानी में 1 सूखा उपला और अगर 50 लीटर का टैंक है तो 5 उपल डालने हैं ध्यान रखें की उपले नए नही होने चाहिए और ये आप किसी भी पशु का ले सकते हैं गाय का भैंस का आपके पास जो भी पशु आप रखते हैं या मार्केट में जिसका भी मिलता है आप ले सकते हैं सबसे बेस्ट रहेगा कि आप गाय के उपले का उसे करें लेकिन नहीं मिलता है तो आप किसी भी पशु का उपले का इस्तेमाल क्यों कर सकते हैं। इससे जब भी आप इसका उसे करेंगे तो फसलों में या पौधों में कीटों और रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है यह फसलो साथ यह बूस्टर का काम करता है फसल की पैदावार अच्छी होती है ज्यादा मात्रा में शाखाएं निकलती है ज्यादा मात्रा में फल फूल आते हैं साथ ही नाइट्रोजन फास्फोरस सहित सभी प्रकार के पोषक तत्व इससे अवेलेबल होते हैं इसलिए उपले इस घोल में जरूर करना है इस घोल के लिये सेकंड नंबर पर आपको लेना है दही
अगर 50 लीटर में अगर आप तैयार कर रहे हैं 50 लीटर के टैंक में तो डेढ़ से 2 लीटर और मात्रा कम ज्यादा कर सकते हैं इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है यह ऑर्गेनिक है इसके बहुत सारे हजारों फायदे ही देखने को मिलते हैं तो आप मात्रा कम ज्यादा बढ़ा करके ले सकते हैं दही के फायदे की बात की जाए की इस घोल में दही का इस्तेमाल करना ज़रुरी है क्योंकि दूध में होता है ओर प्रोटीन व लैक्टोज जो की दही में कन्वर्ट हो जाता है इसमें लैक्टिक एसिड होता है जो रोगों को कंट्रोल करता है उसके साथ इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज, विटामिन होता है साथ ही इससे कैल्शियम पोटेशियम फॉस्फोरस मैग्नीशियम सोडियम यह सब पोषक तत्वों की पूर्ति होती है और साथ ही एंटीफंगल भी है यानी कि फंगस जनित रोगों को भी कंट्रोल करेगा और पोषक तत्वों की पूर्ति भी हो जाएगी साथ दही कंडीशनर का काम भी करता है और फसलों में लंबे समय तक हरापन बनाए रखना है
इस के बाद फसलों में थर्ड नंबर पर आपको लेना है बेसन 50 लीटर पानी में ढाई सौ ग्राम बेसन लेना है मात्रा आप काम ज्यादा रख सकते हैं जितनी आपके पास है उतनी ही मात्र आप ले सकते हैं और बेसन के फायदे की बात की जाए तो इससे कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, कॉपर, मैग्नीशियम, जैसे बहुत सारे पोषक तत्वों की पूर्ति देखने को मिलती है रिजल्ट इसका भी बहुत ज्यादा अच्छा मिलेगा। फसलो की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए व बैक्टीरिया बढ़ाने के लिए जो कि अच्छे बैक्टीरिया होते हैं अच्छे फंगस होती है के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है और इस घोल में आधा किलो गुड़ लेना है गुड़ अच्छी क्वालिटी का लेना है इस घोल को आप अपनी फसलो पर छिड़काव कीजिये आपको इसके बहुत ज्यादा अच्छे रिजल्ट मिलेंगे इससे कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, जिंक, कॉपर जैसे बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो फसलो की अवेलेबिलिटी बढ़ा देता है इस घोल को आप दो कंडीशन में यूज़ कर सकते हैं सर्दियों का समय में आप मात्रा अच्छा की बढ़कर के ले सकते हैं जबकि गर्मियों के समय में आप लिमिट मात्रा में इस्तेमाल कर सकते हैं इस हाई पावर को तैयार करने के लिए अपने उपले, दही, बेसन, गुड इन सब का इस्तेमाल करें सबको मिक्स करके आपको ढक्कन से ढक दीजिये सबसे बड़ी ध्यान रखने वाली बात यह है कि इसे आप छाया में तैयार करें। सर्दियों में तो आप कहीं भी खुले में तैयार कर सकते हैं गर्मियों में सिर्फ आपको छाया में तैयार करना है
इसे फसलों पर छिड़काव करने का तरीका
जब भी आप इसको प्रयोग में लाये, कम से कम 7 दिन तक आप इसको रखिए, गर्मियों में 7 से 10 दिन तक और सर्दियों में आप 15 दिन तक रखिए 15 दिन में यह बहुत अच्छा रिजल्ट मिलने वाला हाई पावर तैयार हो जाएगा आप इसे 1 महीने तक भी रख सकते हैं आप सिंचाई करते हैं पानी के साथ साथ आप फसलो पर इस घोल का छिड़काव करें और जो मेटीरियल बच जाए इसमें आप फिर से गुड़ डाल दीजिए फिर से आप थोड़ा सा दही डाल दीजिए और फिर से आप तैयार कर लीजिए इस तरीके से आप तीन बार तैयार कर सकते हैं। अगर आप सिंचाई के लिए पानी चला रहे हैं उसी के साथ में आप छान करके इस घोल को चला सकते हैं इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता सिर्फ इसके अच्छे रिजल्ट देखने को मिलते हैं।